डॉ रमा श्रीवास्तव जो लखनऊ शहर की जानी-मानी सर्जन है, डॉ रमा श्रीवास्तव के संस्कार बचपन से ही बहुत धार्मिक रहे हैं क्यों की बचपन से ही डॉ रमा श्रीवास्तव को श्री श्री १०८ बाबा भूतनाथ जी महाराज का मार्गदर्शन मिला था, क्यों की डॉ रमा श्रीवास्तव जी के पिता जी श्री श्री १०८ बाबा भूतनाथ जी महाराज जी के शिष्य थे, वे हमेश डॉ रमा श्रीवास्तव जी को उनके पास लेकर जाया करते थे, अपने धर्म के प्रति श्रद्धा और धार्मिक विचारो के होने की वजह से वो बचपन से ही एक मंदिर का निर्माण करवाना चाहती थी, सन २०१८ में डॉ रमा श्रीवास्तव को अटरिया के पास बनवगा गांव के पास मंदिर निर्माण हेतु भूमि की प्राप्ति हुए और अक्टूबर २०१८ से मंदिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो गया, मंदिर निर्माण में आर्किटेक के के अस्थाना और योगेन्द्र कुमार ने बहुत सहयोग किया, मंदिर का परिसर २००० स्क्वायर फिट में फैला हुवा हैं, मंदिर के शिखर का निर्माण और मंदिर के अंदर और बहार का डेकोरेशन अभी शेष बचा हुवा हैं, १६ फ़रवरी २०१९ को मघा पूर्णिमा के दिन मंदिर में सभी देवी और देवताओ की प्राण प्रतिष्ठा की गई, मंदिर में देवी - देवताओ के प्राण प्रतिष्ठा और पूजन के लिए अयोध्या से श्री महेन्द्र आचार्य और उनके साथ में अन्य पांच पंडितो ने मिलकर इस आयोजन को पुरे विधि विधान से पूरा किया, मंदिर में श्री गणेश, देवी दुर्गा, श्री धवंतरि देव, श्री शिव पार्वती, श्री राधा कृष्ण, श्री राम दरबार, श्री हनुमान, श्री लक्ष्मी देवी और नवग्रह देवी देवताओ की प्राण प्रतिष्ठा की गई, मंदिर में देवी देवताओ की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से मंदिर में सभी देवी देवताओ की पूजा आरती नियमित रूप से की जा रही हैं, तथा मंदिर का निर्माण भी नियमित रूप से चल रहा हैं|
मंदिर में प्रति माह एक बार अखंड रामायण का आयोजन किया जाता हैं, प्रतिदिन मंदिर में सुबह - शाम पूजा और आरती का आयोजन किया जाता हैं, मंदिर के परिषर में कुंवर प्रशान्त सिंह के द्वारा लोगो को योग सिखाया जाता हैं और कई तरह के अन्य आयोजन किये जाते हैं, प्रति माह १६ फ़रवरी मंदिर के अस्थापना दिवस के दिन मंदिर परिसर में भभ्य समारोह का आयोजन किया जाता हैं, इस दिन भोले बाबा का रूद्र अविषेख, सभी देवी-देवताओ का पुनः जागरण, विशाल भण्डारा का आयोजन किया जाता हैं, इस विशाल भण्डारे में लखनऊ, अटरिया और अटरिया के नजदीकी इलाकों से लोग शामिल हो कर लगभग ४०० से ५०० लोग प्रसाद ग्रहर करते हैं, डॉ रमा श्रीवास्तव को इन सभी कार्यो को पूरा करने में उनके पति डॉ मनोज श्रीवास्तव का पूरा सहयोग मिला हैं और उनके छोटे भाई श्री राजीव रंजन जो अधिवक्ता हैं उनका भी पूरा सहयोग पूजन कार्यो में मिला हैं, इस मंदिर के द्वारा लोगो में धार्मिक आस्था को जागृत करने और पूजा करने में सहयोग करता हैं, इन्हीं विचरों के पूर्ति के उद्देश्य से डॉ रमा श्रीवास्तव ने इस मंदिर का निर्माण अपने संसाधनों के द्वारा करवाया हैं, डॉ रमा श्रीवास्तव अन्य लोगो से अपेछा करती हैं की मंदिर निर्माण में अपना सहयोग अवस्य देंगे जिसे मंदिर के शिखर का निर्माण किया जा सके और मंदिर के परिसर में अन्य सुविधाओं का समावेश किया जा सके|